SIMPLE AYURVEDIC PROCEDURES
1. Nasal application -
Apply sesame oil / coconut oil or Ghee in both the nostrils (Pratimarsh Nasya) in morning and evening2. Oil pulling therapy -
Take 1 tablespoon sesame or coconut oil in mouth. Do not drink, swish in the mouth for 2 to 3 minutes and spit it off followed by warm water rinse. This can be done once or twice a dayDURING SORE THROAT/ DRY COUGH
1. Steam inhalation with fresh Pudina (Mint) leaves or Ajwain (Caraway seeds) can be practiced once a day
2. Lavang (Clove) powder mixed with natural sugar / honey can be taken 2-3 times a day (It is best to consult a doctor if symptoms of dry cough and sore throat persist)
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सरल आयुर्वेदिक प्रक्रिया
1. नाक का उपयोग -
तिल का तेल / नारियल का तेल या घी दोनों नथुने (नथुने) को सुबह और शाम मिलाएं।2. ऑयल पुलिंग थेरेपी -
अपने मुंह में 3 बड़े चम्मच तिल या नारियल का तेल लें। पीना मत, 2 से 3 मिनट के लिए मुंह में घुमाएं (रोल निकालें) और फिर इसे थूक दें और फिर गर्म पानी से भरें। ऐसा दिन में एक या दो बार करें।गले में खराश / सूखी खांसी
1. ताज़े पुदीने के पत्ते या अजवाइन के बीज दिन में एक बार खाए जा सकते हैं।
2. लौंग के पाउडर को दिन में 3 बार प्राकृतिक चीनी / शहद के साथ मिलाया जा सकता है। (यदि आपके पास सूखी खांसी और गले में खराश के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है)
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सोपी आयुर्वेदिक प्रक्रिया
१. नाकाचा वापर -
तीळ तेल / नारळ तेल किंवा तूप दोन्ही नाकपुड्यांमध्ये (प्रतिस्पर्श नास्य) सकाळ आणि संध्याकाळी घाला.२. तेल पुलिंग थेरपी -
१ चमचे तीळ किंवा नारळ तेल तोंडात घ्या. पिऊ नका, 2 ते 3 मिनिटे तोंडात फिरवा (गुळण्या काढा) आणि त्या नंतर थुंकून टाका आणि त्यानंतर गरम पाणी घेऊन चूळ भरा. दिवसातून एकदा किंवा दोनदा हे करा.घसा खवखवणे / कोरडा खोकला
१. ताज्या पुदिना (पुदीना) पाने किंवा अजवाईन (कॅरवे बियाणे) दिवसातून एकदा खाऊ शकतो.२. लवंग (लवंग) पावडर नैसर्गिक साखर / मधात मिसळून दिवसातून २ वेळा घेता येते. (कोरड्या खोकल्याची आणि घशात खवखवण्याची लक्षणे आढळल्यास डॉक्टरांचा सल्ला घेणे चांगले आहे)